-प्रकाश कुमार सक्सेना
भक्तों के मुंह से सुना करते हैं कि "शेर अकेला काफी है" या "शेर अकेला शिकार करता है।" लेकिन जब डिस्कवरी या एनिमल से संबंधित चैनलों पर जंगली वातावरण देखा तब पता चला कि शेर भी अकेले शिकार नहीं करता। वे भी गिरोह में मिलकर शिकार करते हैं।
राजनीति और प्रशासन के बियावान में भी ऐसे गिरोह हैं जिनकी वजह से जंगलराज का सु..शासन कायम है। फिलहाल यहां भी "ठाकुर का कुंआ" और सिंहवाद सिर चढ़कर बोल रहा है।
कहानी एक ऐसे ही जंगलराज की है। यहां भी चुनाव होने हैं। सिंहवाद के एक नकली सिंह का एक "मैमना" आचार संहिता में भी अपनी मांद नहीं छोड़ना चाहता है। विपक्ष के माने हुए सिंह चाचा भी मैमने दां मांद सुरक्षित रखना चाहते हैं सो वे शिकायत ही नहीं करते। लेकिन उनकी पार्टी के लोग शिकायत कर देते हैं। जंगलराज के सूत्र बताते हैं कि सत्तापक्ष के केन्द्र के एक बड़े सिंह का विपक्ष के सिंह चाचा के पास फोन आता है कि मैमने दां मांद सुरक्षित रहना चाहिए। चाचा सिंह अपनी पार्टी के छुट् ट् ट् लोगों को शांत कर देते हैं। वैसे भी सिंह चाचा के बॉस सिंह ठाकुर की नकली सिंह से अच्छी ट्यूनिंग मानी जाती है। दोनों मिलकर जंगलराज का सु...शासन कायम किये हुये हैं। मजाल है कोई दोनों की मर्जी के बिना...? पत्ता भी हिल जाये? दोनों का जंगलराज में इकबाल बुलंद है, किसी की मजाल जो इक बाल भी उखाड़ सके?
सो ठाकुर का कुंआ भी कायम है...
जंगलराज का सु...शासन भी कायम है...और
मैमने दां मांद भी सुरक्षित है...
😜


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