-प्रकाश कुमार सक्सेना
सत्ता नहीं बल्कि एक अच्छा विपक्ष चुनो। मध्यप्रदेश की जनता का दुर्भाग्य रहा है कि उसे उसकी आवाज उठाने वाला अच्छा विपक्ष नहीं मिला। जो विपक्ष में रहे वो सत्ता के मोड में रहे और जो सत्ता में हैं वो विपक्ष का विपक्ष बनकर। जोकर, जुमलेबाज व मदारियों की बजाय जिम्मेदारों को चुनिये। यदि आप एक अच्छा, ईमानदार विपक्ष चुनेंगे तो एक जवाबदेह व ईमानदार सरकार अपने आप मिल जायेगी।
मत का अर्थ होता है विचार। आप किसी के प्रलोभन या भय से अपना मत न बदलें। और न ही यह सोचकर कि फलाने को वोट दिया तो मेरा वोट बेकार जायेगा। वोट तो फिर भी बेकार ही जाना है? क्योंकि सांपनाथ और नागनाथ में भी मौसेरा रिश्ता होता है। आपका मत जिसे जवाबदेह व ईमानदार मानता है आप उसी को अपना वोट दें, भले ही वह हार जाये, उसकी जमानत जब्त हो जाये। आप अपने मत पर दृढ़ रहेंगे तो आपके विचार भी धीरे-धीरे जीतना प्रारंभ हो जायेंगे। लोकतंत्र को भीड़तंत्र बनने से बचाने के लिये यह आवश्यक है। क्योंकि राजनैतिक दल वोटों की संख्या के लिये आप-हम की भावनाओं से खेलते हैं। आपके अप्रभावित और विशिष्ट मत उनके इस खेल को बिगाड़ेंगे। फिर उन्हें आपके विचारों का ध्यान रखने के लिये भी बाध्य होना होगा।
इसलिये प्रलोभन व भय से मुक्त अपने मत का प्रयोग अवश्य करें।

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